Tuesday, July 3, 2018

वस्त्र नगरी- भीलवाड़ा के कलाकार सौरभ भट्ट व् गोपाल आचार्य के हुनर का पर्चस्व ।

वस्त्र नगरी-
भीलवाड़ा के कलाकार सौरभ भट्ट व् गोपाल आचार्य के हुनर का पर्चस्व ।

अलोक आर्ट गैलरी के निदेशक श्री गोवेर्धन लाल भट्ट ने बताया कि, देश के चुनिंदा 147 कलाकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का समापन आज 2 जुलाई को जहांगीर आर्ट गैलरी मुंबई में संपन्न हुआ |
प्रदर्शनी में सौरभ भट्ट की कलाकृति "एक नज़रिया" दर्शको और कला-प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही | वहीँ भट्ट की कला को 20 वीं सदी के विश्व विख्यात कला गुरु "जॉर्ज ब्राक" की कला की संज्ञा दी गयी | भट्ट अपनी सम्पूर्ण कला शिक्षा का श्रेय अपने गुरु कलाविद श्री रमेश गर्ग, कलाविद श्री रणजीत सिंह चुड़ावाला, सुरेंद्र पाल जोशी, अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कला गुरु श्री अमित गंजू एवं नवीना गंजू सहित अपने पिता श्री जी. एल. भट्ट व् बहन डॉक्टर कुसुम को देते हैं, जिन्होंने प्रत्येक कदम पर भट्ट को कला के बारीक गुर की शिक्षा प्रदान की |
हाल ही बैंकॉक व् थाईलैंड में अपनी कला द्वारा भारत का मान बढ़ा चुके भट्ट बैंकाक में आर्ट विषयक सेमीनार और वर्कशॉप का भी आयोजन कर चुके हैं | साथ ही आर्ट विश्लेषक के रूप में समसामयिक आर्ट और इसकी सामाजिक राष्ट्रीय उपयोगिता पर पत्र वाचन भी किया |
इससे पूर्व भी सौरभ स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के कई देशों में 75 से ज्यादा आर्ट प्रदर्शनियॉ लगा चुके हैं ! Sourabh Bhatt
Director of
ALOK ART GALLERY

Friday, June 1, 2018

कला का वास्तविक मूल्य !!!

कला का वास्तविक मूल्य !!!

एक कलाकार की कला का वास्तविक मूल्य कितना हो ??

एक चित्रकार की कला का सही मूल्य दर्शक की सौन्दर्यात्मक दृष्टि में छुपा होता है और यह ही उस कलाकार के लिए जीवन भर की कमाई पूंजी भी।
सौंदर्यात्मक गुण का अनुपात, कलाकार अपनी कलाकृति निर्मित करते वक़्त, स्वयं के अंतः-चकसुओं द्वारा एवं अपनी रंग-कूँची, छैनी-हथौड़ी, माटी व अपने भावों को अपनी शैली द्वारा सींचता है। जितना अत्यधिक एवं आनुपातिक रूप में इस कार्य मे वह निपूर्ण व दक्ष होगा, उस कलाकार के लिए उसकी कला का उतना ही अनुपात में उसका मूल्य भी।
एक भारतीय कलाकार...

सौरभ की कलम से...

Wednesday, May 30, 2018

।।कलाकार की कलाकृति का असली हकदार।।

।।कलाकार की कलाकृति का असली हकदार।।

एक कलाकार की उत्पत्ति उसी प्रकार होती है जीस प्रकार श्रष्टि की।
श्रष्टि अपने मे समाहित उन तमाम विषय वस्तुओं को अपने सौंदर्य का हिस्सा बनाती जो इससे संबंध रखते हैं।
ठीक उसी प्रकार कलाकार की कृति उसकी एकाकी सोच का प्रमाण है, परंतु प्रकृति में समाहित प्रत्येक वस्तु के समान कलाकार की तमाम प्रयोग आने वाली विषय वस्तु भी उसका हिस्सा है, उस कलाकृति का अंश है, जिसे प्रथक करना दूध से पानी निकालने जैसा है।
एक विशाल श्रुष्टि की रचना के पीछे कई वर्षों का समय लगा परंतु श्रष्टि की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति मानवाकृति है। इस कृति ने अपनी सूझ-बूझ से एक ओर कल्पना से परे कलाकृतियों का निर्माण प्रारम्भ किया।ईश्वर के आग्रहनुसार हुम इस कार्य को श्रष्टि के निर्माण की ही तरह अपने अन्तर्मन की गहराईयों तले मोती खोज लाते है।
जब एक-एक मोती को पिरोया जाता है तब वह एक लेस मात्र हार नहीं अपितु उस मेहनतकश कलाकार की आत्मानुभूति से सौन्दर्यानुभूति का प्रमाण प्राप्त होता है।
एक कलाकार की करती का मूल्य कोई व्यापार का ठेकेदार तो दे देगा परंतु जगजाहिर है कि कलाकार की कृति का असल व वास्तविक मूल्य वह ठेकेदार तो क्या स्वयं ईश्वर के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है।
इसके लिए तो अन्तर्मन के चक्षुओं को घोर तपस्या से जाग्रत करना होगा।
और जो यह कार्य मे निपुण है वह उस कलाकृति का असल हकदार होगा।
एक कलाकार के मन के उद्भभावों से...
सौरभ भट्ट
भारतीय कलाकार

who, is, the, owner, of an, artist's, creativity

Tuesday, May 29, 2018

शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!

शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!

कला क्षेत्र में आना मेरे लिए सौभाग्यहार की बात है, और
कलाकर होना मेरे लिए एक उपहार |
यह सब आपका प्यार और प्रोत्साहन ही है कि कला की दुनिया में कदम रखने का जोखिम उठा पाया और धीरे - धीरे कदम मज़बूती की ओर बढ़ते चले।
आप सभी से आशीर्वाद और शुभकामना की आस में ...🙏
आपका आभार व्यक्त करता हूँ |

मुझमे इस नायाब और पवित्र कला की शिक्षा देश के महान एवं प्रतिभाशाली गुरुओं से मिली जिनमे मेरे पूजनीय गुरु श्री अमित गंजू व श्रीमति नवीना गंजू जी हैं, जिन्होंने प्रारम्भिक कला की शिक्षा व कला की नई सोच प्रदान की। बाद में कला की बारीकियों व कला जीवन को गहराई से समझने में कलाविद श्री रमेश गर्ग, पद्मश्री स्व. श्रीलाल जोशी जी, पद्मश्री स्व. कृपाल सिंह जी शेखावत जैसे महान कला गुरुंओं का सानिध्य प्राप्त हुआ।

मेरी सम्पूर्ण कला यात्रा का श्रेय मेंरी मम्मा स्व. श्रीमति कौशल्या भट्ट को जाता है ।
उन्ही के करकमलों द्वारा आज ये संस्कार मुझमे पनपे कि मैं अपने देश की कला-जगत में अपना और अपने परिवार जनों का नाम रोशन कर सकूं।
साथ ही सुदृढ़ विचारों और रचनात्मकता के धनी मेरे पिताश्री श्री गौवर्धन लाल भट्ट के आशीर्वाद से यह मुकाम हासिल करने की शक्ति मिल पाई।
मेरी इस अपार सफलता और जनप्रेम के पीछे एक खास शख्स की अहम भुमिका है, जिन्होंने मुझे कला जगत की और अग्रसित ही नहीं अपितु जीवन की प्रत्येक मोड़ पर मार्गदर्शन किया। इन्होंने मुझे ही नहीं वरन स्वयं की शख़्सित को भी समाज से परे एक ideal personality के रूप में निखारा। इनकी प्रेरणा दायक जीवन यात्रा तक यह कितने पहाड़ चढ़ी यह बखान करना और उस सोच तक पहुँच पाना लोहे के चने चबाने जैसा होगा।
इन्होंने जीवन मे जो सोचा उसे पूर्ण भी किया, उस कार्य के अंतिम चरण तक किया। इस प्रेरणा दायक शख्सियत के जीवन का प्रत्येक पहलू समाज व देश के लिए शिक्षाप्रद है, जिन्होंने मुझ जैसे संकोची बालक को दुनिया से मुखातिब होने की तालीम दी, और न सिर्फ तालीम बल्कि एक अच्छा इंसान होने तक मिट्टी के घड़े को समयानुसार परिपक्वता की ओर अग्रसित भी किया।
मेरेलिये यह शख़्सियत आदर व सम्मान से परे एक पूजनीय व प्रेरणादायक स्त्रोत के रूप में एक अहम किरदार निभातीं हैं, यह और कोई नहीं मेरी प्यारी बहन सुश्री डॉक्टर कुसुम भट्ट हैं।
मेरी इस सफलता का सम्पूर्ण श्रेय डॉ कुसुम भट्ट को दूँ तो मेरेलिये यह कोई अतिशयोक्ति न होगी।
शुक्रिया मेरे ईश्वर आपने इस परिवार में मुझे जन्मा और पूजनीय मातापिता के आशीर्वाद से व प्रेरणादायक भाई- बहन का प्यार और जीवन संगिनी के रूप में नलिनी जी को जिन्होंने हरकदम पर मेरी सोच को नई दिशा प्रदान की और एक खूबसूरत, होनहार तोहफे के रूप में मास्टर अमोल को मेरे सुपुत्र के रूप में मुझे दिया।
में आप सभी का मन की गहराइयों तक भी शुक्रिया करुण तो भी कम होगा । मैं मेरेईश्वर से गुजारिश करता हूँ की प्रत्येक जन्म में मुझे यह ही पवित्र रिश्तो का हिस्सा बनाये ताकि मैं और गुण अर्जित कर सकूँ।
शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!


















Tuesday, May 22, 2018

INIFD INDIA, DESIGN EXTRAVAGANZA 2018, "BHILWARA STYLE AWARD" to SOURABH BHATT

INIFD INDIA, DESIGN EXTRAVAGANZA 2018, "BHILWARA STYLE AWARD" to SOURABH BHATT
Swift Group of Institutes feels immense pleasure to present “Bhilwara Style Award” to SOURAMH BHATT for his unique identity and presence in his professional fraternity.
The Award will be presented during INIFD “Design Extravaganza 2018”.
The Award will be presented by our distinguish guest
MR. ASHLEY REBELLO
(Famous Bollywood Fashion Designer & Personal Stylist of Superstar Salman Khan)
Date:- 20 May 2018 ; Time:- 5 PM
Venue:- Town Hall,
Bhilwara
Profile Summary:
SOURABH BHATT- BORN ARTIST AND A CREATIVE GENIUS OF HIGH ORDER
उत्कृष्ट लक्ष्य की प्राप्ति ही सभी प्रयासों में सबसे महान है...
यहाँ जब हम उत्कृष्टता के ऐसे व्यक्तित्व की बात करते हैं, तो युवा और जीवंत कलाकार सौरभ भट्ट का नाम अकेले गौरवान्वित होता है। कला और डिजाइन के सभी क्षेत्रों में उनके काम का असाधारण व्यक्तित्व ही उनकी पहचान है |
उनकी कला न केवल प्रेरणादायक बल्कि महत्वाकांक्षी है, साथ ही एक गहन संदेश के साथ जीवन के समग्र दृष्टिकोण को भी छूती है...
उनका नाम आर्ट की दुनिया में सर्वव्यापी प्रभाव के लिए पहले से ही सम्मान के साथ सम्मानित है और इनकी कला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बजबूत कदम जमा चुकी है... उन्होंने लंदन, स्कॉटलैंड, ब्राजील, ब्रिटेन, डेनमार्क, नेपाल, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे कई देशों में अपनी कला के माध्यम से भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 75 से अधिक कला प्रदर्शनी आयोजित हो चुकी है
राजा रवि वर्मा, आदरांजलि पुरस्कार के लिए 2006 में राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी, भोपाल में उनकी चित्रकारी "मातृत्व प्रेम" का चयन किया गया।
कालिदास पुरस्कार के लिए 2007 में मध्य प्रदेश गवर्नमेंट द्वारा वार्षिक कला प्रदर्शनी में एक और चित्रकारी "राघुवंशम" का चयन किया गया|
राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा तीन बार उनकी कला "आतंकवाद, डेस्टॉरशन और आग के अवशेष" जैसी ज्वलंत विषयों पर बनाई कलाकृति का चयन किया गया|
साथ ही कला जगत के महान कला गुरुओं में से स्व. कृपाल सिंह शेखावत ने उनकी प्रतिभा को परख कर ये कहा की, "सौरभ तू काम करता चला जा, तेरा ज़माना इंतज़ार कर रहा है|" ये शब्द मानो सौरभ के लिए एक नई दिशा मिलने जैसे थे…
सौरभ भट्ट द्वारा कला को समर्पित उनका सम्पूर्ण जीवन... इतना सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद उनके पैर दृढ़ता से अच्छी तरह से जमीन पर हैं और नम्रता की एक सहज भावना के साथ विनम्र भी, जो आजकल दुर्लभ है...
वे आज भी अपनी इस अद्भुत सफलता का श्रेय अपने परिवार सहित पिता, श्री गौवर्धन लाल जी भट्ट व् माता स्व. श्री कौशल्या भट्ट को देते हैं | जिन्होंने इस बीज को सींचा और वृक्ष होते देखा है |
एक सक्षम और मेहनती कलाकार जो विभिन्न कलात्मक आयामों के माध्यम से मूल विचारों, सिद्धांतों और आकर्षण की श्रृंखला के साथ स्वयं को सक्षम बनाता है। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने पहले से ही अपने करियर की दिशा की पहचान की है आइये उन्हें मंच पर आमंत्रित करते हैं|

Thursday, May 10, 2018

|| ये खामोश दीवारें ||

|| ये खामोश दीवारें ||

|| ये खामोश दीवारें ||


|| चुप खामोश दीवारें, कह रहीं न जाने कुछ...

अपने में समाहित, कई खामोश कहानियां || 

चुप सी रहती, सहती, न कहती कुछ...||


|| सोचा चलो यूँ ही दीवारों से दोस्ती की जाये।

कुछ अपनी तो कुछ पराई यादें ही ताज़ा की जाये || 

आखिर ये भी तो चाहती कुछ कहना, सुनना किसी से...


तो यूँ ही बैठ गया और लगा गुफ्तगू करने...

यक़ीन मानें जो परत-दर-परत खुलती गयी दीवारें...


अपनों का अपनों से संवाद जो परवान पर था

दू_________री अब नज़दीकियों में तब्दील हुई प्रतीत होती ...


ऐसा मिलान संयोगवश बरसों बाद हुआ |

मानों सपरिवार मिलान समारोह का आयोजन हुआ ||


था सबकुछ काल्पनिक |

परन्तु कल्पना से परे ||


अपनों का अपनों से मिलान ...

एक अलग ही रसानुभूति करा गया || 


|| ये खामोश दीवारें ||










Sunday, March 18, 2018

मेरी प्रार्थना

Dost abhi muje neend nahi aa rahi or me 12.30 baje se hi jaga hua hun....

Pareshaan nahi hun,
bus yun hi karvate badal raha hun...

Kuch khayaal bhi karvaton ke saath badal rahe hein...

socha inhe compile kar lu zara, par...

Phir yaad aaya ki kuch acchi prarthana bol kar shayad kuch rahat mile mujko...

To fir apne Vichar kaksh (jahan mein aksar vicharon se batiyata rahata hun) me raat ko kuch purane fate haal huve, samy v dhool ki maar me lipti kuch kitabein-kagajon ko khangaalne baith gaya . . ..

Pata tha jise dhund raha hun vaha kahaan he.  .....

Kuch hi der me vah mere haathon me thi. .... Jiski talash anayas raat me karvaton ne le li thi...
.
Ek baar ji bhar k dekh liyaa use , khush bhi tha ki ab wo mere saath mere paas he.  .....

Sukooooon mila use paa kar ab...

Karvaton ki halchal ab thum si gae he..

Raat ki ab 2:04 bhi ho gae he...

Socha savere uth kar batlaaunga tumhe in karvaton bhari raat ki kahaani... Ki thi kiski talash itni raat, ki so n saka ...

Pr he sukooooon ab,
ki wo ab mere saath mere pas he.  .

Jiski talash thi vah ek prarthana he mere dost , jise aap ko bhent kar raha hun...

Vah he MERI PRARTHANA MERI APNI PRARTHANA...

SOURABH KI KALAM SE......