Sunday, December 23, 2018
सफर...
Tuesday, July 3, 2018
वस्त्र नगरी- भीलवाड़ा के कलाकार सौरभ भट्ट व् गोपाल आचार्य के हुनर का पर्चस्व ।
वस्त्र नगरी-
भीलवाड़ा के कलाकार सौरभ भट्ट व् गोपाल आचार्य के हुनर का पर्चस्व ।
अलोक आर्ट गैलरी के निदेशक श्री गोवेर्धन लाल भट्ट ने बताया कि, देश के चुनिंदा 147 कलाकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का समापन आज 2 जुलाई को जहांगीर आर्ट गैलरी मुंबई में संपन्न हुआ |
प्रदर्शनी में सौरभ भट्ट की कलाकृति "एक नज़रिया" दर्शको और कला-प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही | वहीँ भट्ट की कला को 20 वीं सदी के विश्व विख्यात कला गुरु "जॉर्ज ब्राक" की कला की संज्ञा दी गयी | भट्ट अपनी सम्पूर्ण कला शिक्षा का श्रेय अपने गुरु कलाविद श्री रमेश गर्ग, कलाविद श्री रणजीत सिंह चुड़ावाला, सुरेंद्र पाल जोशी, अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कला गुरु श्री अमित गंजू एवं नवीना गंजू सहित अपने पिता श्री जी. एल. भट्ट व् बहन डॉक्टर कुसुम को देते हैं, जिन्होंने प्रत्येक कदम पर भट्ट को कला के बारीक गुर की शिक्षा प्रदान की |
हाल ही बैंकॉक व् थाईलैंड में अपनी कला द्वारा भारत का मान बढ़ा चुके भट्ट बैंकाक में आर्ट विषयक सेमीनार और वर्कशॉप का भी आयोजन कर चुके हैं | साथ ही आर्ट विश्लेषक के रूप में समसामयिक आर्ट और इसकी सामाजिक राष्ट्रीय उपयोगिता पर पत्र वाचन भी किया |
इससे पूर्व भी सौरभ स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के कई देशों में 75 से ज्यादा आर्ट प्रदर्शनियॉ लगा चुके हैं ! Sourabh Bhatt
Director of
ALOK ART GALLERY
Friday, June 1, 2018
कला का वास्तविक मूल्य !!!
कला का वास्तविक मूल्य !!!
एक कलाकार की कला का वास्तविक मूल्य कितना हो ??
एक चित्रकार की कला का सही मूल्य दर्शक की सौन्दर्यात्मक दृष्टि में छुपा होता है और यह ही उस कलाकार के लिए जीवन भर की कमाई पूंजी भी।
सौंदर्यात्मक गुण का अनुपात, कलाकार अपनी कलाकृति निर्मित करते वक़्त, स्वयं के अंतः-चकसुओं द्वारा एवं अपनी रंग-कूँची, छैनी-हथौड़ी, माटी व अपने भावों को अपनी शैली द्वारा सींचता है। जितना अत्यधिक एवं आनुपातिक रूप में इस कार्य मे वह निपूर्ण व दक्ष होगा, उस कलाकार के लिए उसकी कला का उतना ही अनुपात में उसका मूल्य भी।
एक भारतीय कलाकार...
सौरभ की कलम से...
Wednesday, May 30, 2018
।।कलाकार की कलाकृति का असली हकदार।।
।।कलाकार की कलाकृति का असली हकदार।।
एक कलाकार की उत्पत्ति उसी प्रकार होती है जीस प्रकार श्रष्टि की।
श्रष्टि अपने मे समाहित उन तमाम विषय वस्तुओं को अपने सौंदर्य का हिस्सा बनाती जो इससे संबंध रखते हैं।
ठीक उसी प्रकार कलाकार की कृति उसकी एकाकी सोच का प्रमाण है, परंतु प्रकृति में समाहित प्रत्येक वस्तु के समान कलाकार की तमाम प्रयोग आने वाली विषय वस्तु भी उसका हिस्सा है, उस कलाकृति का अंश है, जिसे प्रथक करना दूध से पानी निकालने जैसा है।
एक विशाल श्रुष्टि की रचना के पीछे कई वर्षों का समय लगा परंतु श्रष्टि की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति मानवाकृति है। इस कृति ने अपनी सूझ-बूझ से एक ओर कल्पना से परे कलाकृतियों का निर्माण प्रारम्भ किया।ईश्वर के आग्रहनुसार हुम इस कार्य को श्रष्टि के निर्माण की ही तरह अपने अन्तर्मन की गहराईयों तले मोती खोज लाते है।
जब एक-एक मोती को पिरोया जाता है तब वह एक लेस मात्र हार नहीं अपितु उस मेहनतकश कलाकार की आत्मानुभूति से सौन्दर्यानुभूति का प्रमाण प्राप्त होता है।
एक कलाकार की करती का मूल्य कोई व्यापार का ठेकेदार तो दे देगा परंतु जगजाहिर है कि कलाकार की कृति का असल व वास्तविक मूल्य वह ठेकेदार तो क्या स्वयं ईश्वर के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है।
इसके लिए तो अन्तर्मन के चक्षुओं को घोर तपस्या से जाग्रत करना होगा।
और जो यह कार्य मे निपुण है वह उस कलाकृति का असल हकदार होगा।
एक कलाकार के मन के उद्भभावों से...
सौरभ भट्ट
भारतीय कलाकार
who, is, the, owner, of an, artist's, creativity
Tuesday, May 29, 2018
शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!
Tuesday, May 22, 2018
INIFD INDIA, DESIGN EXTRAVAGANZA 2018, "BHILWARA STYLE AWARD" to SOURABH BHATT
The Award will be presented during INIFD “Design Extravaganza 2018”.
MR. ASHLEY REBELLO
(Famous Bollywood Fashion Designer & Personal Stylist of Superstar Salman Khan)
Venue:- Town Hall,
Bhilwara
SOURABH BHATT- BORN ARTIST AND A CREATIVE GENIUS OF HIGH ORDER
उत्कृष्ट लक्ष्य की प्राप्ति ही सभी प्रयासों में सबसे महान है...
यहाँ जब हम उत्कृष्टता के ऐसे व्यक्तित्व की बात करते हैं, तो युवा और जीवंत कलाकार सौरभ भट्ट का नाम अकेले गौरवान्वित होता है। कला और डिजाइन के सभी क्षेत्रों में उनके काम का असाधारण व्यक्तित्व ही उनकी पहचान है |
उनकी कला न केवल प्रेरणादायक बल्कि महत्वाकांक्षी है, साथ ही एक गहन संदेश के साथ जीवन के समग्र दृष्टिकोण को भी छूती है...
उनका नाम आर्ट की दुनिया में सर्वव्यापी प्रभाव के लिए पहले से ही सम्मान के साथ सम्मानित है और इनकी कला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बजबूत कदम जमा चुकी है... उन्होंने लंदन, स्कॉटलैंड, ब्राजील, ब्रिटेन, डेनमार्क, नेपाल, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे कई देशों में अपनी कला के माध्यम से भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 75 से अधिक कला प्रदर्शनी आयोजित हो चुकी है
राजा रवि वर्मा, आदरांजलि पुरस्कार के लिए 2006 में राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी, भोपाल में उनकी चित्रकारी "मातृत्व प्रेम" का चयन किया गया।
कालिदास पुरस्कार के लिए 2007 में मध्य प्रदेश गवर्नमेंट द्वारा वार्षिक कला प्रदर्शनी में एक और चित्रकारी "राघुवंशम" का चयन किया गया|
राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा तीन बार उनकी कला "आतंकवाद, डेस्टॉरशन और आग के अवशेष" जैसी ज्वलंत विषयों पर बनाई कलाकृति का चयन किया गया|
साथ ही कला जगत के महान कला गुरुओं में से स्व. कृपाल सिंह शेखावत ने उनकी प्रतिभा को परख कर ये कहा की, "सौरभ तू काम करता चला जा, तेरा ज़माना इंतज़ार कर रहा है|" ये शब्द मानो सौरभ के लिए एक नई दिशा मिलने जैसे थे…
सौरभ भट्ट द्वारा कला को समर्पित उनका सम्पूर्ण जीवन... इतना सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद उनके पैर दृढ़ता से अच्छी तरह से जमीन पर हैं और नम्रता की एक सहज भावना के साथ विनम्र भी, जो आजकल दुर्लभ है...
वे आज भी अपनी इस अद्भुत सफलता का श्रेय अपने परिवार सहित पिता, श्री गौवर्धन लाल जी भट्ट व् माता स्व. श्री कौशल्या भट्ट को देते हैं | जिन्होंने इस बीज को सींचा और वृक्ष होते देखा है |
एक सक्षम और मेहनती कलाकार जो विभिन्न कलात्मक आयामों के माध्यम से मूल विचारों, सिद्धांतों और आकर्षण की श्रृंखला के साथ स्वयं को सक्षम बनाता है। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने पहले से ही अपने करियर की दिशा की पहचान की है आइये उन्हें मंच पर आमंत्रित करते हैं|